प्रेमचंद ने ‘ठाकुर का कुआँ’ कहानी के माध्यम से हमारे समाज में व्याप्त जातिप्रथा की सबसे घृणित परंपरा छुआछूत के कारण तिरस्कार, अपमान और मानवीय अधिकारों से वंचित जीवन जी रहे अछूतों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बयां किया है. ‘ठाकुर का कुआँ’ स्वच्छ पानी के लिए तरसते अछूत जीनव की वास्तविक कहानी है.
- “A Feast for Crows - George R R Martin” already exists in your wishlist
ठाकुर का कुआँ : प्रेमचंद
₹200.00
(In stock)
प्रेमचंद ने ‘ठाकुर का कुआँ’ कहानी के माध्यम से हमारे समाज में व्याप्त जातिप्रथा की सबसे घृणित परंपरा छुआछूत के कारण तिरस्कार, अपमान और मानवीय अधिकारों से वंचित जीवन जी रहे अछूतों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बयां किया है. ‘ठाकुर का कुआँ’ स्वच्छ पानी के लिए तरसते अछूत जीनव की वास्तविक कहानी है.
In stock












Reviews
There are no reviews yet.